ZINDAGI AUR MOUT KE BEECH (?????? ?? ??? ?? ???) Vandana Yadav Author
2024-04-19 03:33:44
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जिन आम नागरिकों के संघर्षों पर कलमकार कहाê... Read more
जिन आम नागरिकों के संघर्षों पर कलमकार कहानियाँ लिखते हैं, उन्हें समझना होगा कि समाज के इस महत्वपूर्ण अंग के संघर्ष तो आम नागरिकों से भी अलग हैं। सैनिकों के साथ-साथ उनके परिवार तक हर दो वर्ष में अपनी ज़मीन से उखड़ कर बिल्कुल अनजान ईलाकों में रहने को बाध्य हो जाते हैं। भाषा-संस्कृति और जीवन-शैली की विविधता वाले देश में अपने आप को पीछे रख कर देश को सर्वोपरि मानने वाले इस समाज की अनदेखी मेरे लिए समझ से परे की बात है। महिलाओं का एक विशाल समूह जो बिना वर्दी पहने, सैनिक की भूमिका निभाता है। जो सैनिकों की तमाम जिम्मेदारियाँ अपने ऊपर ओढ़े रखती हैं इसके बावजूद वे किसी तरह के प्रमाणपत्र की अपेक्षा नहीं रखतीं। ऐसी बिना वर्दी वाली महिलाओं का इतिहास सैनिक इतिहास के जितना ही प्राचीन है। मुझे यक़ीन है कि साहित्यकारों की कलम इन महिलाओं की आँखों में बसे लंबे इंतज़ार के साथ आत्मविश्वास को पहचानने में असमर्थ नहीं हो सकती। सैनिकों की पत्नियों को अपनी पहचान, अपनी काबिलिय Less
  • ISBN
  • 9789390500345
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